इलेक्टोरल बांड कितना संवैधानिक!

इलेक्टोरल बॉन्ड विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। चुनावी साल होने के कारण इसके भारत में और बढ़ने की संभावना है क्योंकि यह मसला सीधे-सीधे चुनावी चंदे से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त हस्तक्षेप के बाद जिस तरह इस बांड से जुड़ी जानकारियां सामने आई हैं उससे राजनीतिक दलों की नींद हराम हो गई है। क्योंकि कौन सी पार्टियां इस इलेक्टोरल बांड से कितनी मालामाल हुईं, कौन रहा नम्बर वन तो कौन रहा फिसड्डी, इन सभी सवालों का जवाब खास से आमजन तक पहुंच चुका है। हालांकि यह भी सच है कि इलेक्टोरल बांड को लेकर सुगबुगाहट बहुत पहले से शुरू हो गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह मामला खास से आम तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद जब एसबीआई ने 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फान्यूमेरिककोड्स की जानकारी साझा की, उसके बाद सब कुछ सामने आ गया जिसे डिसक्लोज नहीं करना चाहते थे राजनीतिक दल। दरअसल, इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फान्यूमेरिक कोड्स के जरिए यह पता चला कि किस कंपनी या व्यक्ति ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किस पार्टी को कितना चंदा दिया। हालांकि इससे पहले एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को शेयर की गई जानकारी में यह पता चला था कि किस पार्टी को कितना चंदा मिला और सबसे ज्यादा चंदा देने वाले लोग या कंपनी कौन हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टियों की लिस्ट में बीजेपी सबसे आगे है। बीजेपी को बॉन्ड से लगभग 8,252 करोड़ रुपये मिले हैं। बीजेपी को चंदा देने वाली टॉप 5 कंपनियां हैं, जिनमें मेघा इंजीनियरिग एंड इंफ्रा लिमिटेड ने 584 करोड़, क्विक सप्लाई चेन लिमिटेड ने 375, वेदांता लिमिटेड ने 230 करोड़, भारती एयरटेल लिमिटेड ने 197 करोड़ और मदनलाल लिमिटेड ने 175 करोड़ रुपए दिए हैं। बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले टॉप-10 डोनर्स ने 2,119 करोड़ रुपए दान दिए हैं। भाजपा को मिले कुल चंदे का 35 प्रतिशत टॉप-10 डोनर्स ने दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग प्राईवेट लिमिटेड है। इस कंपनी ने 1,368 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टी की फेहरिस्त में टीएमसी दूसरे नंबर पर है। टीएमसी को बॉन्ड से लगभग 1,705 करोड़ का चंदा मिला है। टीएमसी को चंदा देने वाली शीर्ष 5 कंपनियों में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 542 करोड़, हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ने 281 करोड़, धारीवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 90 करोड़, एमकेजे इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 46 करोड़ और अवीस ट्रेडिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने 45 करोड़ रुपए दिए हैं। इस लिस्ट में तीसरा नाम कांग्रेस पार्टी का है। कांग्रेस को इलेक्टोरल बॉन्ड से लगभग 1,952 करोड़ रुपए मिले हैं।कांग्रेस के लिए बॉन्ड खरीदने वाली 5 सबसे बड़ी कंपनियों में वेदांता लिमिटेड ने 125 करोड़, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 110 करोड़, एमकेजे इंटरप्राइजेज लिमिटेड 91 करोड़, यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल 64 करोड़ और अवीस ट्रेडिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने 53 करोड़ के बॉन्ड खरीदे हैं। उधर, के चंद्रशेखर राव की बीआरएस इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा पाने वाली पार्टियों की सूची में चौथे स्थान पर है। बीआरएस ने बॉन्ड के जरिये 1,408 करोड़ रुपये जुटाये हैं। बीआरएस को चंदा देने वाली टॉप 5 कंपनियों में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा लिमिटेड 195 करोड़, यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल 94 करोड़, चेन्नई ग्रीनवुड्स प्राइवेट लिमिटेड 50 करोड़, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड 32 करोड़ और हेटेरो ड्रग्स लिमिटेड 30 करोड़ के बॉन्ड खरीदे हैं। नवीन पटनायक की बीजेडी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा पाने वाली पार्टियों में पांचवे नंबर पर है। बीजेडी को बॉन्ड से 1,020 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। बीजेडी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले 5 डोनर्स में एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड 174 करोड़, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड 100 करोड़, उत्कल एल्युमिना इंटरनेशनल लिमिटेड 70 करोड़, रूंगटा सोनस्प लिमिटेड 50 करोड़ और एमएसएन मोहंती ने 45 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये सबसे ज्यादा चंदा जुटाने वाली पार्टियों में अगला नाम एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके का है, इस पार्टी ने बॉन्ड के जरिये 677 करोड़ जुटाये हैं। डीएमके के टॉप 5 डोनर्स में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 503 करोड़, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा लिमिटेड ने 85 करोड़, वेस्टवेलगैसेस प्राइवेट लिमिटेड ने 8 करोड़, आस्कस लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने 7 करोड़ और फर्टिलेल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 5 करोड़ के बॉन्ड खरीदे हैं।

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